ये तोहफा है रब का, खुदा की है

ये तोहफा है रब का, खुदा की है

ये तोहफा है रब का, खुदा की है नेमत
हमारी मुहब्बत तुम्हारी मुहब्बत

हमारे सिवा होगी किसकी हिमाकत
जो दिल में तुम्हारे रहे बे-इजाजत

इसी एक शै पे है कायम ये दुनिया
मुहब्बत मुहब्बत मुहब्बत मुहब्बत

मुझे रात दिन गुदगुदाती है तेरी
शरारत शरारत शरारत शरारत

यही रटते रटते गया कब्र में वो
वसीयत वसीयत वसीयत वसीयत

खुदा को तो प्यारी यही इक अदा है
इबादत इबादत इबादत इबादत

हमारी निगाहें भी हँस-बोल लेतीं
तुम्हारी नजर की जो होती इनायत

ये अश्कों के मोती बहुत कीमती हैं
वहीं खर्च करना जहाँ हो जरूरत

मुसीबत की मारी है पहले से दुनिया
तो ‘साहिल’ बने क्यों किसी की मुसीबत।


Image : On boat (Study to _The Conquest of Siberia by Yermak_)
Image Source : WikiArt
Artist : Vasily Surikov
Image in Public Domain

सुशील साहिल द्वारा भी