फ़क़त इसके

फ़क़त इसके

फ़क़त इसके सिवा मैं और क्या हूँ
लिफ़ाफ़े पर अधूरा इक पता हूँ

ख़फ़ा मुझसे हुआ था एक दिन वो
मैं अपने आप से अब तक ख़फ़ा हूँ

न उलझो बे-वजह साए से मेरे
तुम्हारी सोच से आगे खड़ा हूँ

मेरी औक़ात बस इतनी ही समझो
निहत्थे आदमी का हौसला हूँ

मुहब्बत आज भी करता हूँ तुमसे
पुराने दौर का आशिक़ रहा हूँ।


Image : Portrait of Juan Gris
Image Source : WikiArt
Artist : Amedeo Modigliani
Image in Public Domain

समीर परिमल द्वारा भी