कहानी सुन न पाओ तो कहानी देखते जाओ

कहानी सुन न पाओ तो कहानी देखते जाओ

कहानी सुन न पाओ तो कहानी देखते जाओ
दिए जो जख्म तुमने वो निशानी देखते जाओ।

बहुत से गाँवों को खोकर कहीं इक शहर बसता है
तरक्की की है यह असली कहानी देखते जाओ

तुम्हारे सुर्खूरू होंठों पे कैसी ताब है हरदम
हमें है प्यास जन्मों की बुझानी देखते जाओ

कई सहराओं में भटके कई झीलों में हम उतरे
हमारे इश्क की शिद्दत पुरानी देखते जाओ

तपस्यारत ‘शलभ’ महबूब के सजदे में है कब से
उसे पाने की जिद जो उसने ठानी देखते जाओ।


Image : Ojibwe Wigwam at Grand Portage
Image Source : WikiArt
Artist : Eastman Johnson
Image in Public Domain