कंवल उस झील के सारे उदास रहते हैं

कंवल उस झील के सारे उदास रहते हैं

कंवल उस झील के सारे उदास रहते हैं
हँसेंगे कब वो शिकारे उदास रहते हैं

नदी की तेज़ रवानी में बह गए कुछ लोग
जो रह गए हैं किनारे उदास रहते हैं

हमारी ही तर्ह उन्हें इंतज़ार है तेरा
अब आ भी जा कि सितारे उदास रहते हैं

घरों में आग लगा कर जो मुस्कुराते थे
सुना है अब वो शरारे उदास रहते हैं

फ़लक के चाँद सितारों को हँसते देखा मगर
ज़मीं के चाँद सितारे उदास रहते हैं।


Image : Landscape on Volga. Boats by the Riverbank
Image Source : WikiArt
Artist : Isaac Levitan
Image in Public Domain

प्रेम किरण द्वारा भी