रोज आते रहें, रोज जाते रहें

रोज आते रहें, रोज जाते रहें

रोज आते रहें, रोज जाते रहें
प्यार से प्यार को गुदगुदाते रहें

जब मिलें आमने-सामने मोड़ पर
देखकर आप-हम मुस्कुराते रहें

गम बसाए न घर में कभी देर तक
गीत हो या ग़ज़ल गुनगुनाते रहें

प्यार की राह में ख़ूब फिसलन लगे
हौसला ही सही आजमाते रहें

पेट चीरा निकाला गया कोख से
शौक से पूत जन्मा बताते रहें

दूध छाती से उतरा नहीं उम्र भर
लाख बोतल से अमृत पिलाते रहें।


Image : Portrait of Woman in Blue
Image Source : WikiArt
Artist : Vincent van Gogh
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