रहगुजर में आग
- 1 April, 2015
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https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-gazal-on-rahgujar-mein-aag-by-siddheshwar-kashyap/
- 1 April, 2015
रहगुजर में आग
रहगुजर में आग है अभी
तख्त पर एक नाग है अभी
है सिंकदर रहनुमा मगर
मुल्क पर वो दाग है अभी
है लुगाई सल्तनत नई
मौज करता काग है अभी
ख्वाब बँटते नये-नये
यूँ न रोटी साग है अभी
ताज की है जंग छिड़ चुकी
हरकदम षरराग है अभी
जुल्म दहशत अपहरण यहाँ
प्यार का यूँ राग है अभी
है गजल की अंजुमन सजी
और मनता फाग है अभी
Image : Maulvi in Meditation
mage Source : WikiArt
Image in Public Domain