सिर्फ उम्मीद पर टिकी मिट्टी

सिर्फ उम्मीद पर टिकी मिट्टी

सिर्फ उम्मीद पर टिकी मिट्टी
कुछ नये ख्वाब देखती मिट्टी

उड़ लो जितना यहीं पे आओगे
कह रही है जमीन की मिट्टी

रौंद लो कितना, ये हकीकत है
एक दिन सबको रौंदती मिट्टी

मैंनें देखा है ऐसा भी मंजर
मिट्टी मिट्टी में मिल गई मिट्टी

प्यार जिसको नहीं मिला समझो
हो गई उसकी जिंदगी मिट्टी

आईना कैसे साफ दिखलाता
उसके चेहरे पे थी सनी मिट्टी

खत दबाया है मैंने मिट्टी में
मेरा हमराज बन गई मिट्टी

इक नई जिंदगी की चाहत में
चाक पर घूमती रही मिट्टी।


Image: Autumn impassability of roads
Image Source: WikiArt
Artist: Arkhip Kuindzhi
Image in Public Domain

आराधना प्रसाद द्वारा भी