बात लिखकर कलम से

बात लिखकर कलम से

बात लिखकर कलम से घेरा है
दीप का हमसफर अँधेरा है

वो समंदर है सूख जाएगा
कोई नक्शा गजब उकेरा है

लोग चलते हैं इस भरोसे पर
दो कदम दूर बस सवेरा है

चाह कर भी न वो सँभल पाया
इस तरह मुफलिसी ने घेरा है

साँप बक्से में फूँकता होगा
बीन पर नाँचता सँपेरा है

कोई रोता रहा शहादत पर
कोई कुछ फूल भी बिखेरा है।


Image : Apostle St. James the Greater
Image Source : WikiArt
Artist : El Greco
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