मनुहार

मनुहार

खूबसूरत दिन, पहर,
क्षण, पल, हुआ।

तुम मिले तो
सच कहें
मंगल हुआ।

पुण्य जन्मों का,
फला तो छट गई
मन की व्यथा
जिंदगी की पुस्तिका में,
जुड़ गई
नूतन कथा।

ठूँठ-सा था मन
महक,
संदल हुआ।

वेद की पावन
ऋचा या,
मैं कहूँ तुम हो शगुन
मीत! मन की
बाँसुरी पर
छेड़ते तुम प्रेम धुन।
पा, तुम्हें यह
तप्त मन
शीतल हुआ।


Image : The Pet Dove
Image Source : WikiArt
Artist : Daniel Ridgway Knight
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