रंग जमाना

रंग जमाना

रंग-बिरंगी इस दुनिया में
अपना भी रंग जमाना
मौसम चाहे जैसा भी हो
तुम खिलना और खिलाना!

अनुपम है यह देश हमारा
अनुपम इसकी माटी है
अनुपम है हर राग सुहाना
अनुपम यह परिपाटी है,
इसका तो है रूप अनोखा
इसका है संग सुहाना!

भाषा-भाषा चंदन-चंदन
खुशबू-खुशबू बोली है
बच्चा-बच्चा मंदिर-मस्जिद
ईद दिवाली होली है
कभी गिले फिर गले-गले हैं
बच्चों का ढंग सुहाना!

फूलों-सा तुम खिलते रहना
जलते रहना सूरज-सा
चंदन-सा तुम शीतल रहना
निर्मल रहना पंकज-सा
रंग-गंध ले सब में घुलना
तुम मिलना और मिलाना!


Image : The rider in Jaipur
Image Source : WikiArt
Artist : Vasily Vereshchagin
Image in Public Domain