खूूब सूरत घराने लगे

खूूब सूरत घराने लगे

ख़ूब सूरत घराने लगे
हौसले के तराने लगे
दूर से देखकर सोहदे
तितलियों को डराने लगे

पूत बैठे रहे ताश पर
काम माँ से कराने लगे

मन मुताबिक जिगर देखकर
देवता रोज़ आने लगे

हर जगह हार कर सूरमा
बाप ही को हराने लगे।