जिस्मों में गरमाहट है

जिस्मों में गरमाहट है

जिस्मों में गरमाहट है
रिश्तों में कड़वाहट है

दिल बेचैन है मिलने को
मिलने में घबराहट है

मन की बात बताने में
दोनों को हकलाहट है

उसका भी जी ऊब गया
मुझको भी उकताहट है

जो बीती से बीत गई
क्यों इतनी झल्लाहट है

जुर्म अपना जब मान लिया
फिर कैसी गुर्राहट है

क्यों इतने मायूस ‘कुमार’
किसकी याद की आहट है


Image name: Portrait of Charles Percival Buck
Image Source: WikiArt
Artist: Thomas Eakins
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