नींद कानून के रखवालों की

नींद कानून के रखवालों की

नींद कानून के रखवालों की गहरी देखी
दोपहर बाद तो मुंसिफ़ ने कचहरी देखी

आज भी सामने आता है ग़ुलामी का असर
कोट पहने हुए गर्मी की दुपहरी देखी

सबको आता नहीं कानून से लड़ने का हुनर
आस मजबूर की इनसाफ़ पे ठहरी देखी

जितने मुजरिम थे सभी मस्त थे कद्दावर थे
देह सच्चाई की गाँधी सी इकहरी देखी

जाने किस बात पे दोनों में हुआ था झगड़ा
पेड़ से गिरती हुई एक गिलहरी देखी

लौट के आया कचहरी से तो महसूस हुआ
मुद्दतों बाद कोई शाम सुनहरी देखी

अब तो मैं सबसे यही पूछता रहता हूँ ‘मिज़ाज’
क्या कभी तुमने कचहरी की दुपहरी देखी


Image name: The Court
Image Source: WikiArt
Artist: Honore Daumier
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अशोक मिज़ाज द्वारा भी