यत्न जिनके सफल हो गए

यत्न जिनके सफल हो गए

यत्न जिनके सफल हो गए
झोंपड़ी से महल हो गए

उनको छूना असंभव लगा
जो समंदर के तल हो गए

हिम पिघलते ही अभिमान का
ठोस थे जो, तरल हो गए

जब भी की मैंने उनसे बहस
उनके माथे पे बल हो गए

इस तरह, मेरी यादों में क़ैद
प्यार के चार पल हो गए

उनकी बातों से ऐसा लगा–
सब कठिन प्रश्न हल हो गए

धन के बल पर हुए वो सबल,
धन बिना हम निबल हो गए।


Image : Over the chips
Image Source : WikiArt
Artist : Vladimir Makovsky
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