रोकें न अपनी फिक्र को

रोकें न अपनी फिक्र को

रोकें न अपनी फिक्र को पतझड़ के आसपास
दीमक लगी हुई है हर इक जड़ के आसपास

वो बेधड़क घरों में भी आएँगे एक दिन
जो खौफ लामबंद हैं नुक्कड़ के आसपास

ऐ खुरदुरे समय न कोई बोझ दिल में रख
गुजरी है जिंदगी मेरी बीहड़ के आसपास

लड़ते हुए कबंध बहुत दूर तक गए
सर एक भी नहीं था किसी धड़ के आसपास

धरना न दे तो क्या करे, पानी गली-गली
कितने मकान बन गए जोहड़ के आसपास


Image: Peter I in the Palace of Monplaisir. Unfinished
Image Source: WikiArt
Artist: Valentin Serov
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