हो तो हो

हो तो हो

क्या तुम भूल गई वे दिन
जब हम चट्टानों से
फूटती जल धारा
और पत्थरों पर फूल
पत्तों के जीवाश्म देखकर
आश्चर्य किया करते थे
क्या तुमने नहीं देखा
उन जिद्दी पौधों को
जो चट्टानों की दरारों में
खोज लेते हैं अपना घर
सच मानो चारूशिला
मेरे हरे पौधों ने
तुम्हारी पथरीली संभावनाओं का
जरा भी बुरा नहीं माना है
तुम पत्थर हो तो हो!


Image name: A stream with dam in Auvergne
Image Source: WikiArt
Artist: Theodore Rousseau
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