एक तलाश ऐसी भी

एक तलाश ऐसी भी

बरगद की तलाश में
टहलते अहसास को
मैंने चेतावनी दी
आगाह किया
कुल्हाड़ियों की
तेज धार से
फिर भी
जज्बात मुखर हो गए।

लाख सँभाला
समझाया
दिखलाया
राह के रोड़े
रूसवाइयों के थपेड़े
फिर भी
उग आए
पाँप
हथेलियों में!


Image: Oriental Scenery Fig 15
Source: Wikimedia Commons
Image in Public Domain