फर्क क्या हम में है

फर्क क्या हम में है

1947…भारत!
हाँ, देश अपना आजाद हुआ
पर कुछ अपने पीछे छूट गए!
मिलकर देश आजाद किया
फिर दो हिस्सों में बँट गए
न वजह मालूम है
न मजबूरी का है पता
बस बनाकर धर्म को ढाल
देश अपना
दो हिस्सों में बँट गया!

पूछती हूँ आज तुझसे
फर्क क्या हम में है?
बस इतना कि
तू खुदा से दुआ है करता
और हमारी श्रद्धा ईश्वर में है!
वो मेरा-तेरा रचयिता
उसे हमने भगवान कहा
और जिसे तू रब कहता है
बस, नाम का ही तो फर्क है न!

क्यों न फर्क ये मिल-जुल आज मिटाएँ
मिलकर एक नया नाम बनाएँ
जो हमें भी हो मंजूर
जिस पर तुम्हारी भी हो इजाजत
आओ एक नई शुरुआत करें
जिसमें शामिल
हमारी प्रार्थना के साथ
तुम्हारी भी हो इबादत!

हाँ, धर्म अलग हमारे
पर फर्क क्या कर्म में है!
पूछती हूँ आज तुमसे
फर्क क्या हम में है!


Image :Moti Masjid (Pearl Mosque), Agra
Image Source : WikiArt
Artist :Vasily Vereshchagin
Image in Public Domain

रिया नायक द्वारा भी