इतिहास रचाने
- 1 October, 2016
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https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-kavya-dhara-geet-about-itihas-rachane-by-bhola-pundit-pranayi/
- 1 October, 2016
इतिहास रचाने
मरकर जीना देख लिया
इस जीवन में मरना पड़ता है!
पिंजरे में देखा है फँसकर
विपदा में रोया है हँसकर
किया है काल-नाग में मुर्छित
सौ वर्षों के अनुबंधों पर
पराश्रित होना पड़ता है!
मेरी क्या विसात यहाँ पर
चिंतनीय हालात यहाँ पर
सदा ही करवट बदल-बदल कर
कटी उनींदी रात यहाँ पर
काल वैशाखी जब-जब आती
होश-हवास खोना पड़ता है!
बड़ा फासला जीने में है
फटे वस्त्र को सीने में है
कटु-मधु आसव पीने में है
साँस-साँस में टँगी जिंदगी
दुनिया में इतिहास रचाने
इस जीवन में मरना पड़ता है!
Image :The Farmer with Folded Arms
Image Source : WikiArt
Artist : Alexey Venetsianov
Image in Public Domain