पाँव लगे थकने

पाँव लगे थकने

राह कटे तो कैसे लंबी
पाँव लगे थकने!

दुर्गम पथ
आगे-आगे है
घात लगा
दुश्मन जागे है
जा पहुँचा अस्ताचल सूरज
छूट रहे अपने?

समझ रहा न
यह पागलपन
दंश झेलता
यह घायल तन
भटका रेत-रेत हिरन-सा
मिले नहीं झरने?

सीमाहीन
गगन पथ निकले
थके पंख
गिरने से पहले
रहे अधूरे इस जीवन के
सतरंगे सपने।


Image: Journey s End through Google Art Project
Image Source: Wikimedia Commons
Artist: Abanindranath Tagore
Image in Public Domain