आह एक…..सत्यकथा

आह एक…..सत्यकथा

उसकी जवानी के रास्ते में
सबसे पहले उससे एक मुसलमान टकराया
जो उसकी जुल्फों का कैदी होना चाहता था
लेकिन उसने उसको सूअर कह दिया।

फिर, एक संथाल आदिवासी उस पर मरने लगा
जो उसके जूड़े में
अरहूल का फूल खोंसना चाहता था
लेकिन उसने उस पर कीचड़ फेंक दिया।

फिर, एक दलित का आगमन हुआ
जो उसको अपनी पलकों पर बिठाना चाहता था
लेकिन उसने उसके चेहरे पर थूक दिया।

फिर, एक ओबीसी की उसमें दिलचस्पी जगी
जिसने प्रेम पाने की आकुलता-व्याकुलता में
अपना एक सुंदर कान तक काट डाला
लेकिन उसने उस पर लात जमा दिया।

सबसे अंत में
जब उसकी जवानी विस्फोट करने लगी,
एक द्विज का पदार्पण हुआ
जिसका उसे कई जन्मों से इंतजार था
द्विज को उसने लैला की तरह प्रेम किया
लेकिन बदले में उसने उसको बाजार दिया।


Image : Young Peasant at Her Toilette
Image Source : WikiArt
Artist : Camille Pissarro
Image in Public Domain

पंकज चौधरी द्वारा भी