बदशक्ल लड़कियाँ

बदशक्ल लड़कियाँ

गाँव की पगडंडी की तरह
बहुत शांत और सरल होती हैं
बदशक्ल लड़कियाँ
मौसम की तरह समय पर
जाड़ा, गर्मी, बारिश ले आने का
हुनर रखती हैं
न मालूम कैसे खुद-व-खुद
सीख जाती हैं हर काम की तमीज़
गुलाबों सी अपनी सहेलियों के बीच
कटहरी की खुशबू बनना चाहती हैं
बदशक्ल लड़कियाँ

कँपकँपाती ठंड में
अपनी माँओं, पिताओं,
भाइयों-बहनों के कमरे
अँगीठी बनकर गरमाना चाहती हैं
चाहती हैं बन जाना
हर पल हर किसी के लिए
राहत भरी ठंडी हवा का झोका
अपने ऊबड़-खाबड़
पठारनुमा नाक, होंठ, गालों
बेढंगे शरीर के अंतस् से
निकालना चाहती हैं
ढेर सारे कीमती खनिज-पदार्थ
इसी फिराक में
दिन-रात लगी होने के कारण
झुलस देती हैं
अपने तमाम जायज़ सपने

अपने काले चेहरे छूते-छूते
बदशक्ल लड़कियों के हाथ
रात के अँधेरे में भी खतरों से
जूझने का गुर सीख लेते हैं
बदशक्ल लड़कियाँ
अक्सर आईना नहीं देखतीं
देखती हैं अपने सामने की दुनिया
उसकी आँखें
और उनमें अपनी प्रतिक्रियाएँ

मन में आशाओं का हरा जंगल उगाये
बदशक्ल लड़कियाँ सोचती हैं
एक-न-एक दिन जरूर चमकेगा
दुनिया की आँखों में आत्मा को
दिखाने वाला आईने की तरह
कोई सूरज
कभी-न-कभी दुनिया पहचानेगी ही
ज़मीर की खूबसूरती!


Image :A Breton woman
Image Source : WikiArt
Artist :Firmin Baes
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कुमार नयन द्वारा भी