भुट्टे के दानों के बीच

भुट्टे के दानों के बीच

पत्तों का हरा जब
धीरे-धीरे पीला पड़ता जाता है
तब पता चलता है कि
अब फ़सल पक कर तैयार हो गई है

भुट्टे के दानों के बीच जो
बह रही थी दूध की नदी
वह अब इतनी पुष्ट और ठोस हो गई है कि
भूख मिटा सकती है अकाल में

अब जबकि हर दरवाज़े पर
ढेर लगा है भुट्टे का
वहीं कहीं कतार में ट्रक भी खड़ा है
दानों को बहुत दूर ले जाने के लिए

ऐसा ही होता है अक्सर
ख़रीददार की ताक़त हैं उसकी आँखें जो
भादों की बारिश में
अकाल का अनुमान लगा लेती हैं

आज जिसे वे सबसे कम क़ीमत में
ख़रीद रहे हैं
कल वही सबसे ऊँची बोली लगाएँगे
बेचने के लिए
उगाने वाले दानों को
कुछ नहीं कर पाएँगे

भुट्टे के दानों के बीच
सिर्फ़ मिठास नहीं रहती
वह साजिश भी रहती है
जो मुनाफ़े का पूरा गणित पलट देती है

फ़सल कोई बुनता है
काट कर कोई और निकल जाता है।