मेरी उम्र के लड़के

मेरी उम्र के लड़के

मेरी उम्र के लड़के

जो पढ़ने के साथ सोचते भी हैं
सोचते हैं दोस्ती में बने रहने का तरीका
या कैसे हाथ मिलाएँ कि
कुर्ते की फटी काँख ना दिखे।
तभी तो सहपाठी को भी
हाथ जोड़कर आप कहते जाते हैं लड़के

लड़के, महीने भर का हिसाब
लगा कर पैसे वाले दिन
अपनी दोस्त से मिलना चाहकर भी
फोन देखते ही स्क्रीन गार्ड पर
आह भरते हैं, मगर फिर,
टूटी स्क्रीन के साथ साझा सेल्फी
ड्राइव में भेजते ही
समय आने पर फ्रेम कराने
का सोचते हैं लड़के

उठते, बैठते, रंगीनियत आँखों में धँसाकर
लड़के सपनों में इठलाते हैं
वे सोचते हैं अपनी प्रेमिका को किसान
जब गाँव में आलू की मेढ़ काढ़ लेते हैं
कि, पी.ओ. में सलेक्शन सोच कर प्रेमिका को
महँगी साड़ी में सोचते हैं

रोज क्लास से लॉज की दूरी में
नौकरी से इंटरव्यू देने तक को
सोचते जाते हैं लड़के

लड़के, रात तक पूरा डेटा खर्च करने के बाद
अपने सबसे धनी दोस्त को
‘तुम’ में संवादित कर
खुद में खुश होते हैं कि
मेरा बेटा भी होगा उसके जैसा ही
सबका दोस्त

और ऐसे ही सहज सीधा
लड़के जो पढ़ने के साथ सोचते भी हैं।


Image : Mormon Boy, Salt Lake City
Image Source : WikiArt
Artist : Albert Bierstadt
Image in Public Domain