बैल का प्रलाप
- 1 December, 2016
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- 1 December, 2016
बैल का प्रलाप
मालिक
ऐसा आपने क्यों किया?
हम तो हमेशा रहते थे तैयार
जुतने के लिए
मेरे गोईं ने किया था
एक दिन देहचोरई,
अब वह भी
निराश और हताश है
आपके चले जाने से
मालिक, आपको मालूम है
कई दिनों तक
खल्ली और भूँसा
नहीं मिलने पर भी
हम दोनों ने रूखे-सूखे
भूँसे से ही
चला लिया था काम
कभी शिकायत नहीं की
अब मालकिन रहती हैं उदास
और खोई-खोई
सिर्फ आपकी याद में
पेड़ पर टँगे आपके बूत को
देखकर लगा कि आप
खेल रहे हैं दोल्हापाती
पर यकीन हो गया है अब
कि आप नहीं रहे
कि मालकिन रहती है अक्सर
दूसरी दुनिया में
मालिक एक बार तो बताते
हम चौबीसों घंटे जुतते और खटते
लेकिन आपको आत्महत्या करने के लिए
नहीं होने देते विवश
मालिक, आप तो चले गए
लेकिन आपकी याद हमें
सताती रहेंगी युगों-युगों तक
ऐसी याद
कि आपही की बदौलत
हम आए थे आपके यहाँ
और थे मस्त और खुशहाल
जो अब कभी नहीं मिलेगी।
Image : Oxen Pulling a Cart
Image Source : WikiArt
Artist : Rosa Bonheur
Image in Public Domain