फ्लेन्यूज़*
- 1 October, 2022
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- 1 October, 2022
फ्लेन्यूज़*
एक दिन मैं अपने कदमों से
नाप लूँगी सारा शहर
उस दिन शहर में फिर रास्ते बन जाएँगे
महानगर की सड़कों पर निकलती हूँ
तो हल्के पाँव में ठोस सफ़र पहनती हूँ
महानगर में हाथ हमेशा ढीले चलते हैं
कीबोर्ड पर या स्क्रीन पर
बेतरतीब लम्स छोड़ते हुए
हाथ जो जानते ही नहीं मेहनतकशी
वज़न उठाना जिनके लिए सिर्फ़ व्यायाम है
उन हाथों को हिलाते हुए
मैं शहर के हाशिए पर
एक हमसाए से मिलती हूँ
जिसने मेरी सुविधा के
शहर की नक्काशी में
अपनी हथेलियों में भर ली हैं दरारें
शहर का पूरा नक्शा छपा है
उसके हाथों की लकीरों में
मेरे हमशहर मेरे साथी
हम दोनों का शहर विस्थापन है
हम दोनों अपने विस्थापन में कितने दूर हैं
मैं जब शहर की रातों में
आवारगी से घूमती हूँ
तुम किसी इमारत में
चुन रहे होते हो मेरा होना
हमारा एक-दूसरे से बदगुमान रहना ही
देता है इस शहर को चौंधियाती रोशनी
ये शहर नहीं जानता कि
ये हम दोनों की दूरी के बीच की खाई है।
* फ्रेंच में शहर में सड़कों पर घूमने वाली औरत
Image : A Young Woman
Image Source : WikiArt
Artist : Henri Martin
Image in Public Domain