हर दिन युद्ध-क्षेत्रे
- 1 August, 2024
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https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-poem-about-har-din-yuddh-kshetre-by-rajkumar-kumbhaj/
- 1 August, 2024
हर दिन युद्ध-क्षेत्रे
हर दिन युद्ध-क्षेत्रे
जो लक्ष्य पर लगे
सचमुच वे ही तीर कहलाए
जो लड़े और युद्ध-क्षेत्रे मरे
सचमुच वे ही वीर कहलाए
मैं, अपने सिर ऊपर तीर रखता हूँ
और सीने में अपार हौसला भरता हूँ
मैं, हर दिन एक युद्ध लड़ता हूँ
और हर दिन एक नए जीवन के लिए
अंदर-ही-अंदर मरता हूँ
मैं, हर दिन युद्ध-क्षेत्रे
वह तीर बनना चाहता हूँ
जो लगे लक्ष्य पर।