कलम और तलवार

कलम और तलवार

दो में से क्या तुम्हें चाहिए कलम या कि तलवार
मन में ऊँचे भाव कि तन में शक्ति विजय अपार

अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे मीठे गान
या तलवार पकड़ जीतोगे बाहर का मैदान

जला ज्ञान का दीप सिर्फ फैलाओगे उजियाला
अथवा उठा कृपाण करोगे घर की भी रखवाली

कलम देश की बड़ी शक्ति है भाव जगाने वाली
दिल की नहीं दिमागों में भी आग लगाने वाली

पैदा करती कलम विचारों के जलते अंगारे
और प्रज्वलित प्राण देश क्या कभी मरेगा मारे

लहू गर्म रखने को रक्खो मन में ज्वलित विचार
हिंस्र जीव से बचने को चाहिए किंतु, तलवार

एक भेद है और वहाँ निर्भय होते नर-नारी
कलम उगलती आग, जहाँ अक्षर बनते चिंगारी

जहाँ मनुष्यों के भीतर हरदम जलते हैं शोले
बादल में बिजली होती, होते दिमाग में गोले

जहाँ पालते लोग लहू में हालाहल की धार
क्या चिंता यदि वहाँ हाथ में नहीं हुई तलवार!


Image :Three swords. Paintings on the stone.
Image Source : WikiArt
Artist : Nicholas Roerich
Image in Public Domain