कर्म ही पूजा है

कर्म ही पूजा है

आपको विश्वास नहीं होगा
उस अदने से कर्मचारी ने
दिन-रात एक करके
कंपनी को खड़ा किया

वह आठ के बदले
बारह घंटे काम करता
छह का काम अकेले निपटाता

काम की गुणवत्ता ऐसी कि
अन्य तो करते ही उसकी नकल
कंपनी की भी जय-जय होती,
वह मालामाल होती

कंपनी जब भी संकट में फँसती
वही तारणहार, संकटमोचक होता

वह जितना देता उससे उतनी ही माँग बढ़ जाती
कंपनी को ओढ़ना-बिछौना बना लिया था उसने
उसको फर्श से अर्श पर ला दिया था उसने
कंपनी मालिक को भी नाम दिया था उसने

इनाम में एक दिन कंपनी ने
बाहर का रास्ता दिखा दिया उसको।


Image : Portrait of Émile Verhaeren
Image Source : WikiArt
Artist : Louis Hayet
Image in Public Domain

पंकज चौधरी द्वारा भी