एक पेड़ की तरह
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https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-poem-about-like-a-tree-by-ashok-singh/
- 1 August, 2016
एक पेड़ की तरह
मेरी कितनी जरूरत थी तुम्हें
या फिर तुम्हारी मुझे
इन सब बातों को लेकर अब कोई
हिसाब-किताब नहीं करना चाहता मैं
वैसे भी क्या रखा है अब इन
घीसी-पीटी पुरानी बातों की बतकही में
हाँ इतना भर जरूर कह सकता हूँ
एक लंबे अंतराल के बाद
तुमसे अलग रहते हुए
घर से काम पर जाने
और काम से घर लौटने के रास्ते में
एक पेड़ की तरह थी तुम मेरे लिए
एक पेड़ की तरह
जहाँ कभी कभार थोड़ा रुक कर
सुसता लिया करता था मैं
जिंदगी की भाग-दौड़ से थक-हार कर!
Image : Oriental woman
Image Source : WikiArt
Artist :Jean François Portaels
Image in Public Domain