प्रेेम
- 1 October, 2022
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https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-poem-about-love-by-abhilash-pranav/
- 1 October, 2022
प्रेेम
मैंने प्रेम किया
और चाहा कि आज़ाद ही रहूँ
यानी मैंने खुद में और प्रेम में
खुद को चुना, सुविधा चुनी, आजादी चुनी
उसी वक्त, उसने प्रेम किया
और चाहा कि उसे बाँध लिया जाए
यानी उसने खुद में और प्रेम में
प्रेम को चुना, मुझे चुना, बंधन चुना
अब, जबकि हम साथ नहीं हैं
मैं चाहता हूँ कि वो बँध जाए
वो आगे बढ़ गई है, और आजाद है।
वो चाहती है कि मैं आजाद हो जाऊँ
और मैं वहीं हूँ, बंधा हुआ।
Image : A thinker, a young Roman monk
Image Source : WikiArt
Artist : Alexandre Cabanel
Image in Public Domain