सृजन का गणित

सृजन का गणित

पत्ते झर रहे हैं
फूल सुख चुके हैं
मगर कुछ फल बचे हैं
पेड़ों की शाख पर
जिन्हें
तुम शायद गिन सकते हो।
तुम गिन सकते हो
प्रकृति के सारे मौसमों को
पर नहीं गिन सकते
बदलते मौसमों में
आते-जाते पंछियों
कीट-पतंगों को
क्योंकि
यही प्रकृति का नियम है
और यही है सृजन का गणित
फिर उदासी कैसी
शोक कैसा?


Image : Autumn
Image Source : WikiArt
Artist : Konstantin Korovin
Image in Public Domain

सारिका भूषण द्वारा भी