तारीखें बदल रहीं

तारीखें बदल रहीं

दिन तो बदले नहीं
महज तारीखें बदल रहीं

अंधकार
पहले से भी कुछ ज्यादा गहरा है
लगता है यह मौसम अंधा
गूँगा, बहरा है
नहीं यातना बदली
केवल चीखें बदल रहीं

खोयी-खोयी
आँखों में गहरा सन्नाटा है
घर के भीतर-बाहर
नागफनी का काँटा है
ज्ञान न बदला
सिर्फ सूचना-सीखें बदल रहीं

गहन उमस है
तो निश्चित ही आँधी आएगी
नई सुबह के लिए नया
संदेशा लाएगी
पेड़ न बदले केवल
कोंपल-पीकें बदल रहीं।


नचिकेता द्वारा भी