कॉमेडियन की वापसी

कॉमेडियन की वापसी

अंकिया भाओना का विदूषक
हरीतिका वन से आकर
हमारे मानस में बसा
पाँचवीं या छठी शताब्दी का
शैशव की धुँधली अववाहिका में
चेहरे पर रंग पोते बहुरूपिये
उनकी उछलकूद, चीत्कार सीटी

हास्य मधुर उलझन सपने के मंच पर
चढ़ते हुए छोटे बड़े अवयव के
कौतुक अभिनेता
एक सौ-दो सौ हिसाब नहीं
धूप से नहाये कुछ पल
दिल के पिटारे में
सँजोकर रखा था तुमने

कौतुकमय दृष्टि की आवाजाही
अश्रु की मणियों को दमकाती है
यकृत की सेहत जीवन का रस
हजारों नालों से बहा देता है
कौतुक अभिनेता की भाव भंगिमा
वहाँ बिछा देती है
बहुरूपिये के चेहरे के रंगों को
फागुन का अमलतास गाढ़ा होता है

हृदय के पिटारे का उत्ताप बढ़ता है
जीवन की सरीसृप शीतलता
फ्रीज से निकली
बर्फ के टुकड़े से कौंधती रोशनी

हृदय के पिटारे में
जीवन की करुण सूराखों पर
कॉमेडियन की तीक्ष्ण संधानी दृष्टि
सवेरे जागने पर ढूँढ़ नहीं पाता हूँ
विदूषक, बहुरूपिया ढाँचे का


Image : Portrait of the Ferrara Court Jester
Image Source : WikiArt
Artist : Gonella Jean Fouquet
Image in Public Domain

दिनकर कुमार द्वारा भी