ये घर तुम्हारा है
- 1 August, 2015
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https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-poem-about-ye-ghar-tumhara-hai-by-tejendra-sharma/
- 1 August, 2015
ये घर तुम्हारा है
जो तुम न मानो मुझे अपना, हक तुम्हारा है
यहाँ जो आ गया इक बार, बस हमारा है
कहाँ कहाँ के परिंदे, बसे हैं आ के यहाँ
सभी का दर्द मेरा दर्द, बस खुदारा है
नदी की धार बहे आगे, मुड़ के न देखे
न समझो इसको भँवर अब यही किनारा है
जो छोड़ आए बहुत प्यार है तुम्हें उससे
बहे बयार जो, समझो न तुम, शरारा है
यह घर तुम्हारा है इसको न कहो बेगाना
मुझे तुम्हारा, तुम्हें अब मेरा सहारा है।
Image : Old Homestead Connecticut
Image Source : WikiArt
Artist : Willard Metcalf
Image in Public Domain