अँधेरा और सूरज

अँधेरा और सूरज

उदयाचल से
आहिस्ता-आहिस्ता
सरकता हुआ सूरज
क्षितिज पर
ठहरकर निहारता है
अँधेरे के भग्न अवशेष
छाँटता हुआ
तमस-आवरण
भेद देता है
अँधेरे का अंतस्तल
निर्निमेष झाँकता बढ़ता है
किंतु अँधेरे का राज्य अब भी
बना हुआ अप्रमेय

सूरज की चमचमाती किरणें
अब तक
नहीं ढहा पाईं
अँधेरे के दुर्गम किले

अँधेरा अनुच्चरित होकर भी
बजाता है अपनी विजय तूर्य
अस्तित्व के इस महादमनीय
युद्ध में, अँधेरा लगा देता है
अपनी पूरी ताकत

अँधेरा और सूरज
अस्मिता की
आभ्यांतरिक तह पर पहुँच
करते हैं द्वंद्व युद्ध

अप्रतिहत विजयकामी सूर्य
चल देता है
अस्ताचल की यात्रा पर
निस्तेज हो
देखता जाता है–
अँधेरे का विराट साम्राज्य…


Image name Twilight over the Path

Image Source: WikiArt

Artist: Albert Bierstadt

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