बदरंग चेहरे
- 1 April, 2019
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- 1 April, 2019
बदरंग चेहरे
साँझ के गहरे होने के साथ
गहरा जाती है बदरंग चेहरे की निराशा
एक पग जब बढ़ना
मुश्किल हो जाता है
तब गहरे दिन की बढ़ती कालिमा
कह देती है चुपचाप
आगे बढ़ने के लिए।
अस्त होते हुए सूरज की शिथिल किरणें
दूर तक ले जाती है हमारा अस्तित्व
लंबी छाया में हम
देख लेते हैं मुरझाता अक्स
कभी-कभी समझ आने की तह तक
हम समझ ही नहीं पाते
कि दिन ढलने के साथ ही ढल जाती है
जिंदगी की रंगीन दुनिया
बदरंग पृष्ठों की भूमिका की तरह
साफ-साफ नहीं दिखते शब्द
कविता की संवेदना भी
हो जाती है अस्पष्ट।
गहरे धूमिल-धुँधलके में दिखाई देंगे
कुछ चेहरे जिनकी पहचान
मटमैली-सी उभर आती है जेहन में
राह की सकरी मेढ़ पर
धीरे-धीरे बढ़ रही
लंबी होती हुई छाया
और उसके इर्द-गिर्द
टूट रहा उम्मीदों का बाँध
गोल घूमती हुई
पृथ्वी अपनी धुरी पर
छोड़ देती है बदरंग चेहरे
जो देखते रहते हैं लगातार
दुनिया की तेज रफ्तार
बदरंग चेहरों की दुनिया बढ़ रही है
साथ-ही-साथ बढ़ रही
धीरे-धीरे दिनमान की कालिमा…
Image name: Setting Sun and Fog, Eragny
Image Source: WikiArt
Artist: Camille Pissarro
This image is in public domain