मैं भूल जाता हूँ

मैं भूल जाता हूँ

जब घोंघे आते हैं
घर का नमक चुराने
मैं बतलाना भूल जाता हूँ
नमक जो बंद है शीशियों में
उनका उनसे कौन सा रिश्ता पुराना है

कृष्ण की मजार पर चादर हरी सजी है
मरियम के बुर्के में सलमा सितारा है
अल्लाह के मुकुट में मोर बँधे हैं
नानक के सिर पर नमाजी निशान है
लोग कहते हैं
मैं भूल जाता हूँ
कौन-सी रेखाएँ कहाँ खींचनी है!

मैं आजकल बाजार से दृश्य लाता हूँ
समेट कर आँखों में
भूल जाता हूँ खर्च कितना किया समय?
झोली टटोलती उँगलियों को
आँखों के सौदे याद नहीं रहते

मैं पढ़ता जाता हूँ
वह अनपढ़ी रह जाती है
मैं लिखता जाता हूँ
वह मिटती जाती है
खिड़की के पास महबूब की छत है
मैं झाँकना भूल जाता हूँ
वह रूठ जाती है

मैं भूल जाता हूँ
चार तहों के भीतर
इश्क की चिट्ठियाँ छिपाना
आज जब पढ़ रहे थे बच्चे वे कलाम
तो कल की वह आँधी
और मेरी खुली खिड़कियाँ याद आईं
अब तलक कलम की नीब तर है
कागज भीगा है
मैं भूल गया
कल बारिश के साथ नमी आई थी!


Image : Portrait of Sergey Nikolaevich Amosov
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Artist : Mykola Yaroshenko
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