अधिक माँगने से डरता रहा
शेयर करे close
Share on facebook
Share on twitter
Share on reddit
Share on tumblr
Share on linkedin
शेयर करे close
Share on facebook
Share on twitter
Share on reddit
Share on tumblr
Share on linkedin
शेयर करे close
Share on facebook
Share on twitter
Share on tumblr
Share on linkedin
Share on whatsapp
https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-poem-i-was-afraid-to-ask-for-more-by-abhigyat/
- 1 June, 2023
अधिक माँगने से डरता रहा
मुझे बचाए रखनी है थोड़ी सी जुम्बिश
तुम्हारे अंतिम चुंबन के लिए
थोड़ी सी साँस मृत्यु से पहले
एक गीत की कुछ पंक्तियाँ
गुनगुनाने के लिए
थोड़ी सी पीड़ा
असंख्य अनचाही व अनजान
पीड़ाओं का सामना करने से पहले उनसे
तालमेल बिठाने के लिए
थोड़ा-थोड़ा ही सिलता उम्र की लंबा थान
थोड़ा-थोड़ा ही सुखी होता रहा
दुःख के संभावित हमलों के भय से
थोड़ा-थोड़ा ही सोया ताकि
फिर आ सके नींद
इसलिए भी थोड़ा ही सोया
ताकि काम कर सकूँ ढेर सा
थोड़ी सी प्यास, थोड़ा सा संकोच
थोड़ा सा प्यार, थोड़ी तकरार
थोड़ा सा काम, थोड़ा आराम
थोड़ा पुण्य, थोड़ा पाप
थोड़ी सी उम्र और माँगी, फिर थोड़ी सी और, थोड़ी और, थोड़ी और
अधिक माँगने से हमेशा डरता रहा!
Image : Night in Pompeii
Image Source : WikiArt
Artist : Henryk Siemiradzki
Image in Public Domain