लौकी चोर

लौकी चोर

संस्कृत नहीं संस्कृति के रखवाले हैं
लौकी चोर
राजनीतिक विचारधारा से लैस
उन्हीं के खिलाफ चोरी कर रहे हैं
लौकी चोर
हर जगह छठ पर्व मनाया जा रहा है
नहाय खाय है
खरना भी है
अर्घ्य भी है दो समय
पवित्रता के साथ
अपवित्र कर गया लौकी चोर
काट ले गया थान से आधी लौकी
आधा चोर आधी ईमानदारी छोड़ गया
वह खुश है लौकी बैंक से
कुछ बेच देगा वह
कुछ बाँट देगा
लौकी का हरापन
वापस नहीं ला सकता
वह चोरी से सूर्य का छठ या
छठ का सूर्य लाएगा हर बार
और हज़ार हज़ार
आधी लौकी काटकर
चंद्रमा बना डालेगा वह चोर
चोर, चंद्रमा नहीं बन सकता
सूर्य तो कत्तई नहीं
बन सकता है लौकी चोर हीं
केवल छठ में…!


Image name: Gourds
Image Source: WikiArt
Artist: John Singer Sargent