आपके ही घर जैसा
शेयर करे close
Share on facebook
Share on twitter
Share on reddit
Share on tumblr
Share on linkedin
शेयर करे close
Share on facebook
Share on twitter
Share on reddit
Share on tumblr
Share on linkedin
शेयर करे close
Share on facebook
Share on twitter
Share on tumblr
Share on linkedin
Share on whatsapp
https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-poem-like-your-home-by-abhigyat/
- 1 June, 2023
आपके ही घर जैसा
जब शस्त्र मेरा साथ छोड़ देंगे
निर्बलता देख
छोड़ देंगे शब्द भावनाओं का
विचारोत्खलन के बाद
दिशाएँ जब छोड़ देंगी इशारा करना
मेरा दृढ़ मनोरथ भाँप
छोड़ देंगे कुत्ते और चमचे वफ़ादारी
छोड़ देगी गौरैया मेरे आँगन में फुदकना
मैं तुम्हें पुकारूँगा
अपनी पूरी कातरता के साथ
फिलहाल अभी मैं तुम्हें ललकारता हूँ
अपनी समस्त सामर्थ्य और मेधा
सौंदर्यबोध और सुरुचि के साथ
साथ अपनी लालसाओं और कामनाओं के
तुम्हें हराकर बना लूँगा मैं अपना
मैं जानता हूँ जब कभी मैं हारूँगा
पुकारूँगा तुम्हें ही!!
Image : Feliks Jasieński Przy Fortepianie
Image Source : WikiArt
Artist : Józef Pankiewicz
Image in Public Domain