नजरिया
- 1 December, 2020
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https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-poem-najariya-by-jitendra-dheer/
- 1 December, 2020
नजरिया
मैं नहीं जानता
तुम्हारा नजरिया क्या है
इस दुनिया को देखने का
क्या सोचते हो तुम
इस दुनिया के बारे में
जानता हूँ
सब कुछ जो इन दिनों
घटित हो रहा है
ठीक नहीं है
बावजूद इसके भरोसा है
सच के पक्ष में
पूरी मजबूती से खड़े
न हारने वाले शब्दों पर
अँधेरा चाहे जितना वजनी हो
उजाले की आहट से
काँप जाता है
भोर की पहली किरण के साथ
खौफ का अँधियारा
छँट जाता है
इसलिए आश्वस्त हूँ
यह काला बादल भी हटेगा
आखिर कब तक यह
सूरज को ढँकेगा!
Image : The Prisoner
Image Source : WikiArt
Artist : Vladimir Makovsky
Image in Public Domain