गधे का चित्र देखकर

गधे का चित्र देखकर

जलप्रपात के प्रवेश द्वार पर
गधे का चित्र देखकर
झुँझलाते हुए हम वापस लौट आए
हमने तय किया जलप्रपात को
नहीं देखना है
चूँकि हमारे सौंदर्यबोध को
मुस्कुरा रहे गधे के चित्र ने
आहत कर दिया था
हमने आपस में कहना शुरू कर दिया–
यह यहाँ भी आ गया
कम-से-कम इस प्राकृतिक
दृश्य को तो छोड़ देता
चीड़ के पेड़ों की कतारों के बीच
जलप्रपात की आवाज के बीच
किस कदर अश्लील
लग रहा है उसका चित्र
इस झुँझलाहट में हम भूल गए
कितनी लंबी दूरी
तय कर हम आए थे
इस प्रसिद्ध जलप्रपात को
करीब से देखने के लिए

हमारी स्मृतियों में कौंधने लगे
अनगिन मंजर
इसी तरह मुस्कुराते हुए
गधे के चित्र को
हमने कहाँ-कहाँ देखा था
राहत शिविर में बाँटे जा रहे
भोजन के पैकेट पर
यही गधा था जो मुस्कुरा रहा था
दंगे की आग में बेघर हुए बच्चों को
जो स्कूली बैग बाँटा जा रहा था
उसके ऊपर भी
यही गधा था जो मुस्कुरा रहा था
अकाल पीड़ित गाँव के
शौचालय की दीवार पर भी
यही गधा था जो मुस्कुरा रहा था
टीवी पर जो जनसभा हमने देखी थी
लोगों ने इसी गधे के
मुखौटे धारण कर रखे थे
और उछल-उछल कर चीख रहे थे

हम झुँझलाए हुए थे और सोच रहे थे
क्या अब भी कोई
खूबसूरत जगह बची होगी
जहाँ ऐसे अश्लील चित्र मौजूद न हों
जहाँ कदम रखते ही
हमारा सौंदर्यबोध आहत न हो
या इसी तरह यह गधा
प्रभावित करता रहेगा हमारे एकांत को
हमारे सौंदर्यबोध को
मुँह चिढ़ाकर कहता रहेगा–
मैं कण-कण में विराजमान हूँ!


Image : Donkey Frieze
Image Source : WikiArt
Artist : Franz Marc
Image in Public Domain

दिनकर कुमार द्वारा भी