जब सपने आते हैं
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https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-poem-on-jab-sapne-aate-hai-by-subhash-rai/
- 1 June, 2020
जब सपने आते हैं
किसी भी तरह कैद नहीं
किए जा सकते सपने
वे हवा में घुल जाते हैं
और दीवारों के पार निकल जाते हैं
अँधेरे से अँधेरे वक्त में भी
जिंदा रहते हैं सपने
पहले एक आदमी की आँखों में उतरते हैं
फिर हजार आँखों में झिलमिला उठते हैं
सपनों की दुनिया भी
कितनी अजीब होती है
सपने आते हैं तो सुबह
बिलकुल करीब होती है
Image : The Poet Gallus Dreaming
Image Source : WikiArt
Artist : Sir Lawrence Alma
Image in Public Domain