क्रांति समय में
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- 1 October, 2023
क्रांति समय में
(1)
क्रांति काल में
एक मोटा
थुलथुल से थोड़ा कम
फिर भी मोटा
गेंडे चमड़ेवाला आदमी
चोर, चोर, चोर…की ध्वनियों को सुनते हुए
कच्चे कुम्हड़े की तरह मुँह
पके कुम्हड़े की तरह शरीर लिए
चले आ रहा है, चले जा रहा है
कुछ लोगों को फर्क ही नहीं पड़ता
दुनिया उन्हें चोर कहे या तानाशाह
वे उसी तरह अपनी डार्लिंग के साथ
जन्नत में पड़े रहते हैं
सुअर जैसे अपने स्वर्ग में बैठा
मनपसंद भोज उड़ा रहा होता है
वे तीन सौ रुपये का एक संदेश
कुछ घंटों की मंत्रणा लिए
साठ हजार रुपये का कमरा
तीन किलोमीटर के लिए
बारह हजार का पेट्रोल
खाने के लिए अमृत
पीने के लिए गो मूत्र का व्यवहार करते हैं
यह जानते हुए कि यह शरीर नश्वर है
वे दुनिया के सबसे भद्र लोगों में से एक हैं
राष्ट्रपतियों के प्रतिनिधियों के मोबाइलों में
उनके नंबर हैं
मंत्रियों के वे ससुर हैं
अपनी बेटियों को उनके पास भेजते हुए
उनकी मुस्कान मुसोलिनी और
आत्मा हिटलर जैसी हो जाती हैं
वे भद्र लोग
आपके बच्चों को भद्रता का पाठ
पढ़ाना चाहते हैं
आप क्या चाहते हैं?
महानुभाव इस समय
आप ही तय करें, आप क्या चाहते हैं?
(2)
क्रांतियाँ निष्फल नहीं होती
बलि माँगती हैं
खून को पसीना बनाकर
आपको बेहतर मनुष्य होने का
अहसास करवाती हैं
क्रांतियों से कुछ लोग सिखते हैं
कुछ डरते हैं
कुछ वज्र मूर्ख होते हैं
–मरते हैं
क्रांतियाँ गीतों को जन्म देती हैं
सुरों को लय-तान देती हैं
जन्म देती हैं नायकों को
कलाकार का तो क्रांति से
जन्म-जन्मान्तर का नाता होता है
लोग समझ नहीं पाते कि इस बस्ती में
क्रांति पहले आई कि कलाकार।
(3)
जंगल में पड़ा हरकारा है
निकलकर माँद से चूहा
राजभवन की तरफ भागा है
वहाँ पहले से बिल्ली
दिल्ली से आ गई थी
थाना-पुलिस, कोर्ट-कचहरी
अंत में बिल्ला जो चूहा ही था
जा पहुँचा सुप्रीम कोर्ट
जीत कर एक छोटी लड़ाई
समझ बैठा अपने को शेर
फिर लौटा जनता राज
‘पुनः मूषक भवों’ की उक्ति हुई चरितार्थ
बड़े-बड़े लेटे शेर
पुनः मूषक शावक बन जाते हैं
जंगल राज जब जनता राज में बदलता है
चूहा कितना गदबदा और प्यारा है
अहंकार का मारा है
सिंकारा पी-पी कर
काँच तोड़कर
अपने को शक्तिमान समझने की
नासमझी कर जाता है
जय-विजय, सजल-शांतनु, देव-
आदित्य को छोड़-छाड़कर
चूहा निकल पड़ा वानप्रस्थ पर
जंगल में पड़ा हरकारा है
चूहा निकलकर माँद से भागा है।
Image : Pigs
Image Source : WikiArt
Artist : Franz Marc
Image in Public Domain