शब्द

शब्द

शब्द बोल हैं
अपनी बात कहने
दूसरों की सुनने
का जरिया

कहा हुआ
दूसरे तक पहुँचे
यही है
पहला मकसद

जब तक तरतीब से
न जुड़ें
तब तक व्यर्थ हैं
सारे शब्द

शब्दों में छिपा
अर्थ ही
उन्हें बनाता है
मूल्यवान

शब्दों की सत्ता
तभी तक है सार्थक
जब तक
दूसरे को न पहुँचे ठेस

अफसर जब अनपढ़ पर
झाड़ता है अँग्रेजी
तब शब्द खो देते हैं
अपना अर्थ!


Image: Govardhan. A Discourse Between Muslim Sages ca. 1630 LACMA
mage Source: Wikimedia Commons
Image in Public Domain

राजीव शर्मा द्वारा भी