शिकवे शिकायतों व शरारत का दौर था

शिकवे शिकायतों व शरारत का दौर था

शिकवे शिकायतों व शरारत का दौर था
ताज़ा हसीं गुलों की इबादत का दौर था

दो चूड़ियों के बोझ से आ जाती थी लचक
नाज़ुक कलाइयों की नज़ाकत का दौर था

बेख़ौफ़ आसमान में उड़ते थे साथ-साथ
रस्मों से बार-बार बग़ावत का दौर था

मुर्दा इमारतों में हैं ज़िंदा कहानियाँ
ईंटें गवाह हैं कि वो जन्नत का दौर था

क़िस्से हमारे इश्क़ के अब भी फ़िज़ा में हैं
नब्बे का दौर सच में मुहब्बत का दौर था।


Image : Portrait of Anna Zborowska
Image Source : WikiArt
Artist : Amedeo Modigliani
Image in Public Domain

समीर परिमल द्वारा भी