तारों का टूटना पसंद नहीं

तारों का टूटना पसंद नहीं

उन्हें तारों का टूटना पसंद नहीं
और न नदियों का सूखना
न ही धरती का फटना
न जंगल का जलना
वो जो जंगल के
विपरीत दिशा में उगते हैं
वो सब उन्हें कतई पसंद नहीं…

वे जिस वक़्त कर रहे थे
तारों, नदियों, जंगल, सूर्य
और धरती से प्रेम
हम कर रहे थे
बर्बर समाज से निपटने के यत्न
इंसानों के मध्य
इंसानों की सुरक्षा के प्रयत्न
नाप रहे थे
अपने देश की सीमाएँ
भरे हुए मस्तिष्कों में अभिमान
और कर रहे थे संग्रहित
युद्ध के सामान…


Image: At the edge of the forest
Image Source: WikiArt
Artist: Ivan Shishkin
Image in Public Domain