दर्द
- 1 June, 2023
शेयर करे close
Share on facebook
Share on twitter
Share on reddit
Share on tumblr
Share on linkedin
शेयर करे close
Share on facebook
Share on twitter
Share on reddit
Share on tumblr
Share on linkedin
शेयर करे close
Share on facebook
Share on twitter
Share on tumblr
Share on linkedin
Share on whatsapp
https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-poem-pain-by-rajendra-upadhyay/
- 1 June, 2023
दर्द
दर्द पिछले दरवाजे से आता है
और अगले दरवाजे़ से निकल जाता है
लेकिन कभी-कभी वह रुक जाता है
सुबह जाऊँगा, नहीं शाम जाऊँगा कहता
आज नहीं, कल जाऊँगा।
कभी कहता आज वार ठीक नहीं
आज उस दिशा में जाऊँगा तो लौट नहीं पाऊँगा।
इस तरह दर्द की मैं आवभगत करता
सुबह शाम उसको पंखा झुलाता दवा-दारू करता
उसकी पसंद-नापसंद का ख्याल रखता
ताकि जाएँ हँसी-खुशी और लौटे नहीं।
फिर भी वह अगले दरवाजे से जाता था
और पिछले दरवाजे से लौट आता था।
Image : Old Tramp
Image Source : WikiArt
Artist : Laszlo Mednyanszky
Image in Public Domain