प्रेम में लड़कियाँ

प्रेम में लड़कियाँ

प्रेम में ठुकरायी लड़कियाँ
अक्सर कर लेती हैं
मृत्यु को आत्मसात,
मन आहत, क्षुब्ध हृदय लिए
निर्णय लेती भारी मन से
उनके जीवन में भरे, सूने रंग…

प्रेम का अंतिम शब्द सुन लेती
ऐसे कह दे कोई
जैसे प्रथम प्रेम आखर,
समर शेष में पलकों को मूँदें
स्वयं को कोसती!
फिर देती प्रेम परिमाटी को
उलाहने हजार…

पिता ने समझा नहीं,
माँ ने केवल शैशव प्रेम दिया,
बाकी बिसरे लोग
जाने न प्रेम का मोल,
मिला एक प्रेमी
कर लिया प्रेम!
किंतु मिलीं हजारों तनखियाँ,
सच की जमीन ढूँढ़ी
निकला झूठ का बादल
बरसा एक रोज…
मन ढला जैसे दिन ढलता
अस्त हुई लड़की की शाम,
मर खप बैठी लड़की
जैसे हुई रात…।


Image : Portrait of Jeanne Hebuterne
Image Source : WikiArt
Artist : Amedeo Modigliani
Image in Public Domain